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बुधवार, 14 जून 2017

हमारी कसम

“एक रूठी हुई पत्नी अपने रूठे हुए पति को
मनाने की कोशिश कर रही हैं”

आज तो हमारे सनम लौट आइए
आपको हमारी कसम मुस्कुराइए
प्यार का वादा कभी तो निभाइए
चाहतो की बात को न झुठलाइये

आपको हमारी कसम लौट आइए
रुठना मनाना संग-संग पाइए
इसका भी हैं अपना मज़ा मान लीजिये
ज़िन्दगी अनमोल हैं इसे जान लीजिये

आपको हमारी कसम लौट आइए
कुछ कमी हैं आप में कुछ हम में है सनम
हर कमी को आप और हम भूल जाइए
छोड़कर अपना अहम् फिर साथ आइए

आपको हमारी कसम लौट आइए
प्रेम में गुस्ताखियाँ कुछ ख़ास होती हैं
नींद में चलना बड़ा आसान होता हैं

आंख खुलते ही ठोकर आम होती हैं!

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