दाता के नाम पर
प्रेम के काम पर
ख़ुशी के इज़हार पर
सब कुछ लुटा दे
ऐसे हम भारतवासी हैं
जीवन तन्हाई में
अपनों की जुदाई में
पडोसी से लड़ाई में
अपना सब कुछ लुटा दे
ऐसे हम भारतवासी है
एक पत्थर को भी
गलती से भगवान बता दिया
बस क्या है
उसकी पूजा में
लम्बी-लम्बी लाइन लग जाती है
हर कोई नया किस्सा गढ़ लेता है
ज़िन्दगी तन्हा है यहाँ
पर भगवान् के नाम पर
भीड़ का आलम है
हम बार-बार लुटते है
पर संभलते क्यों नहीं.
एक पत्थर को भी
गलती से भगवान बता दिया
बस क्या है
उसकी पूजा में
लम्बी-लम्बी लाइन लग जाती है
हर कोई नया किस्सा गढ़ लेता है
ज़िन्दगी तन्हा है यहाँ
पर भगवान् के नाम पर
भीड़ का आलम है
हम बार-बार लुटते है
पर संभलते क्यों नहीं.