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पापा

पापा मेरे सपनों का वो प्रतिबिम्ब है  जो हमारे हर सपने को पूरा करते है  हमारी हर जिज्ञासा को पूरा करते है  हमारे लड़खड़ाते कदम को हाथों से संभा...

शुक्रवार, 1 सितंबर 2017

सपना

रिम झिम बरसता सावन होगा
झिल मिल सितारों का आँगन होगा
खुशियों की तारों की बारात होगी
हाथों में मेहँदी सजी आज होगी
साजन के आने की झंकार होगी
मिलन चांदनी रात तारों की होगी
बेला के फूलों से सजता हुआ द्वार
खुशबू गली की हवाओं में होगी
ख़ुशी ही ख़ुशी हर तरफ दिख रही है
नए दिन के आने की आहट बनी
ये दामन ख़ुशी का हींआँगन बना है
नहीं कोई गम ज़िन्दगी में हमारे
कि वर्षों का सपना हकीकत बना है

ऐसा सुन्दर सपना अपना जीवन होगा!!

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