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अयोध्या धाम

राम आएंगे अयोध्या धाम आएंगे  राम आएंगे तो खुशियां मनाएंगे  फूल माला से मैं घर को सजाऊंगी  रंगोली बना के मैं देहरी सजाऊंगी  दीपमाला बनके खुद ...

शुक्रवार, 18 जून 2021

बदलते दौर कि आपबीती

जिंदगी से जिंदगी के फासले बढ़ते गए
हर कोई बस मौन साधे धुन में अपने चल दिया

जिंदगी कि लालसा हर कोई जब है पालता 
फिर किसी कि जिंदगी में दर्द क्यों है मांगता 

जब तक ख़ुशी के आईने में खुद को अकेला मांगोगे 
मिलेंगी तन्हाईया ख़ुशी कभी ना पाओगे 

पोंछते हम रह गए गैरों के बहते नीर को 
अपनों ने जमकर रुलाया खुद हमारी आंख को 

सबको अपना मानकर बढ़ते रहे हम राह में 
रा गए अंजान हरदम चल रही खामोशिओं से 

जब भी तोड़ा मौन आंखों से अगन सी झांकती 
अश्रुधारा  भी नयन से साधती संवाद देखो 

सब खड़े हैं एक लय हो गैर या अपना कोई 
इस समर में मौन साधे रह गया वह धीर कोई 

जिंदगी को जिंदगी से जोड़कर जिसने जिया 
इस समर में वीर उससा है नहीं कोई और .  

बुधवार, 9 जून 2021

निश्चय की ओर

खेल रही है आँख मिचौली
जीवन मेरे अरमानों से

राह मेरी  ऐसी है जैसे
 हो कोई बबूल का पेड़

काँटों से छलनी होता है 
रोज मेरा ये पैर 

ह्रदय वेदना सह-सह कर 
हो गया रेत  का ढेर 

आंक रहा हर रिश्ता मुझको 
नाप रहा है पैमानों पर 

हर पैमाना छोटा होता 
गहरी होती परछाई से 

जीवन मुझको कुछ दे जाता 
हर मुस्किल की ठोकर से 

बढ़ते जाते कदम-कदम हम 
दृढ़ता से निश्चय की ओर.   

शनिवार, 5 जून 2021

प्यारा पप्पी

प्यारा पप्पी देता झप्पी
गुड़िया के मन को वह भाता
गुड़िया के संग-संग वह खेले 
ठुमक-ठुमक के आए जाए 

लोट-पोट हो गुड़िया रानी 
पप्पी को करती ही झप्पी 
सुबह सवेरे उठकर गुड़िया 
पप्पी को है सैर कराती 

गुड़िया और पप्पी का रिश्ता 
जैसे दोनों भाई - बहन हो 
पप्पी के संग मिलकर गुड़िया 
रोज नए करतब करती है 

प्यारा पप्पी देता झप्पी
बच्चों के मन को वह भाता 
बच्चों के संग खेल-खेलकर 
पप्पी भी पुलकित हो उठता.