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तुम से तुम तक

इस ज़िन्दगी की गीत में  नीत नए संगीत में  हर घड़ी हर लम्हे में  मेरी साँसों में मेरी धड़कन में  हर जगह तुम साथ हो  बीते 27 वर्षों में  आदत तुम्...

बुधवार, 9 जून 2021

निश्चय की ओर

खेल रही है आँख मिचौली
जीवन मेरे अरमानों से

राह मेरी  ऐसी है जैसे
 हो कोई बबूल का पेड़

काँटों से छलनी होता है 
रोज मेरा ये पैर 

ह्रदय वेदना सह-सह कर 
हो गया रेत  का ढेर 

आंक रहा हर रिश्ता मुझको 
नाप रहा है पैमानों पर 

हर पैमाना छोटा होता 
गहरी होती परछाई से 

जीवन मुझको कुछ दे जाता 
हर मुस्किल की ठोकर से 

बढ़ते जाते कदम-कदम हम 
दृढ़ता से निश्चय की ओर.   

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