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अयोध्या धाम

राम आएंगे अयोध्या धाम आएंगे  राम आएंगे तो खुशियां मनाएंगे  फूल माला से मैं घर को सजाऊंगी  रंगोली बना के मैं देहरी सजाऊंगी  दीपमाला बनके खुद ...

गुरुवार, 23 नवंबर 2023

अम्बे माँ

 हे माँ मैं हूँ भक्त तुम्हारी 

मुझ पर तुम ये दया दिखा दो 

रोज़ नए उलझन में पड़कर 

मन उलझा रहता है

द्वार तुम्हारे आने को माँ 

व्याकुल मन रहता है। 


कृपा तुम्हारी कब होगी माँ 

हंसी-ख़ुशी दर्शन पाने को 

माँ मैं दौड़ी आऊंगी 

मुझे प्यार से गले लगाकर 

माँ तुम प्यार लुटाओगी 


हे माँ मेरी अम्बे माता 

जग का दुःख हरने वाली 

अपने दर पर इस बेटी की 

झोली कब भर पाओगी 

बाट जोहती माँ मैं तेरी 

वर्षो से बैठी हूँ माँ 


हे माँ मैं हूँ भक्त तुम्हारी 

मुझ पर प्यार लुटाओ माँ 

हमको जग ने ठुकराया पर 

तुम भी ना ठुकराओ माँ। 

शुक्रवार, 17 नवंबर 2023

सुनहरे पल

 तुम प्रेम हो तुम गीत हो 

चाहत के तुम तो मीत हो 

तुम नित नए संगीत हो 

तुम फूल हो तुम हो कली

तुम ही तो खुशबू रंग हो 

हर ओर फैली वादियों में 

जल की कल-कल धार हो 

तुम मेरी शीतल छाँव हो 

तुम हो ख़ुशी तुम गीत हो 

तुम ही तो मेरे मीत हो।  

सोमवार, 13 नवंबर 2023

सफ़रनामा

सब झूठे रिश्ते नाते हैं  

सब दिल रखने की बाते हैं 

कब कौन किसी का होता हैं  

सब असली रूप छिपाते हैं 

एहसास से खाली लोग यहाँ 

शब्दों के तीर चलाते हैं  

अपनों का विश्वास तोड़  

गैरो पर प्यार जताते हैं  

दिल में भरकर गुब्बार 

चेहरे पर हँसी लाते हैं  

सब रहते है अब मौन साध 

अपनों से दुरी बनाते हैं  

ये खुशियों के रंग जहाँ बिखरे 

ग़म आज वहाँ इतराती हैं 

सब झूठे रिश्ते नाते हैं  

सब दिल रखने की बाते हैं।