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अयोध्या धाम

राम आएंगे अयोध्या धाम आएंगे  राम आएंगे तो खुशियां मनाएंगे  फूल माला से मैं घर को सजाऊंगी  रंगोली बना के मैं देहरी सजाऊंगी  दीपमाला बनके खुद ...

मंगलवार, 20 फ़रवरी 2024

अयोध्या धाम

राम आएंगे अयोध्या धाम आएंगे 

राम आएंगे तो खुशियां मनाएंगे 

फूल माला से मैं घर को सजाऊंगी 

रंगोली बना के मैं देहरी सजाऊंगी 

दीपमाला बनके खुद सज जाउंगी 

छप्पन भोग बना भोग मैं लगाउंगी 

प्रभु जीमी -जीमी आपको मैं जिमाऊंगी 

गाय गोबर से मैं अँगना निपाऊँगी 

फूलवाड़ी में से फूल तोड़ लाऊंगी 

राम आएंगे तो खुशियां मनाऊंगी। 

सोमवार, 19 फ़रवरी 2024

शादी शुदा ज़िन्दगी

बड़ा मुश्किलों का एक मकान है 

गृह प्रवेश में सब कुछ अच्छा-अच्छा होता है 

अगले दिन से ही संघर्ष की शुरुआत हो जाती है 

रोज़ दिन गुज़रता है चीक-चीक भरा 

चारो तरफ रिश्ते-नातो की होती है भीड़-भाड़ 

कहने को तो सब अपने लोग है 

पर ना जाने क्यों हर रिश्ता 

अपना मोल मांगता है 

नापता है हर कदम पर तानो-बानो से। 

रविवार, 18 फ़रवरी 2024

बसंत

देखो बसंत आया है 

सबके मन को भाया है 

चारो ओर रंग-बिरंगे फूल खिले है 

मौसम भी सुहाना है 

मन मुस्कुरा रहा है 

तन झूमने को करता 

रंग-बिरंगे गुलाल लेकर 

बच्चे इधर-उधर है डोले 

कभी किसी के सर पर डाले 

तो कभी किसी को बाँहों में भर ले

आया बसंत आया 

सबके मन को भाया। 

शनिवार, 17 फ़रवरी 2024

आज

आज मुझे किसी ख़ास का इंतज़ार है 

जो वर्षों पहले छूट गया था कही 

उसका इंतज़ार मुझे आज है 

वो है अपना-अपना सा 

जब भी उसे देखती हूँ 

आँखों में आंसू और दिल में दर्द सा उठता है 

ज़िन्दगी कितनी विरान हो गयी थी 

आज मेरे मन में सैकड़ों दीप जगमगाये है 

दिवाली बेमौसम आज मेरे घर आयी है। 

शुक्रवार, 16 फ़रवरी 2024

आदमी

आदमी है आदमी से आज परेशान 

हर आदमी अंदर से है डरा-डरा 

कब कौन ऐसा मिल जाये 

जो ठग के ले जाये सब कुछ 

हर बात पर है धरना का ख़ौफ़ 

राह रोककर खड़े हो गए 

सबकुछ अस्त-व्यस्त कर डाला

ज़िन्दगी को संवार सकते नहीं 

बिगाड़ने पर आतुर हर दम रहते है। 

गुरुवार, 1 फ़रवरी 2024

गणतंत्र दिवस

गणतंत्र दिवस है आया 

हम सबकी खुशियां लाया 

वीरों पे फक्र हो आया 

वीरों ने देश बचाया 

अपनी क़ुरबानी देकर 

और हर ओर विजय लहराया 

संविधान हमारा बनकर के 

इस दिन को हमें मिला था 

इस पावन दिन को तब से 

हर वर्ष मनाते है हम 

इस पावन पर्व पर खुशियाँ।

बुधवार, 31 जनवरी 2024

स्वप्न

रोज़ सपने में आओ 

शगुन दे के जाओ 

साथ खुशियाँ मनाओ 

हर्ष में गीत गाओ 

लहरों पे झूम जाओ 

कभी रूठ जाओ कभी फिर मनाओ 

मेरे स्वप्न में रोज़ ऐसे ही आओ