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अयोध्या धाम

राम आएंगे अयोध्या धाम आएंगे  राम आएंगे तो खुशियां मनाएंगे  फूल माला से मैं घर को सजाऊंगी  रंगोली बना के मैं देहरी सजाऊंगी  दीपमाला बनके खुद ...

गुरुवार, 25 फ़रवरी 2021

कड़वी यादें

अमृत की है मारामारी
विष का भागी कौन बने
विष पिकर अमृत का अनुभव 
साझा करने की ठानी 

कड़वी यादें परछाई है 
हमें मुकाम तक ले जाने की 
कई ब्यक्त-अब्यक्त कथा को 
मंजिल तक पहुँचाने की 

जब होती तारीफ़ हमारी 
अहम् साथ भी लाता है 
पर जब कोई ढूंढ-ढूंढ कर 
नए नुक्श बतलाता है
फिर पानी की भांति निर्मल 
करके हमें वह जाता है 

दुआ नहीं गर हमें मिला तो 
नफ़रत को ही बना के ताकत 
हर मंजिल को पाना है 

कड़वी यादें दुःख देती है 
पर जीवन में कामयाबी की 
कुँजी यहीं से मिलती है 

आग में तपता है जब सोना 
तब वह कुंदन  बनता है 
कौन है हिरा कौन है पत्थर 
बिना तराशे कोई न जाने 

बिना गिरे ठोकर की कीमत 
नहीं किसी ने जानी है 
गिर-गिर कर ही हमने सीखा 
अपने पैरों पर चलना 

कड़वी यादें सदा साथ में 
हिम्मत बनकर चलती है 
कड़वी यादों को संजोकर 
समर जीतने की ठानी।

मंगलवार, 23 फ़रवरी 2021

ब्यथा (वैक्सीन की )

आजकल अटकलों का बाजार गर्म है
घर हो या बाहर हर जगह चर्चा मेरी है

हर ब्यक्ति चाहे बच्चा हो या बूढ़ा 
मुझे पाने को बेताब है 

कोई डरकर मुझसे मिलना चाहता है 
तो  कोई ख़ुशी-ख़ुशी 

कुछ लोगों को बड़ी जल्दी है मुझे पाने की 
वहीँ कुछ लोग हमें बदनाम करने का 
कोई मौका चूकना नहीं चाहते 

मैं सबतक पहुंचूंगी सबका साथ दूंगी 
हर ओर खुशियाँ फैले मैं पूरी कोशिश करुँगी 

चाहे मुझपर अटकलें लाख लगे 
मैं हार नहीं मानूंगी  मैं पीछे नहीं हटूंगी 

हर एक ब्यक्ति को विस्वास दिलाने की 
अपनी अनवरत कोशिश जारी रखूंगी 

कोरोना जैसे खतरनाक महामारी से 
हर एक ब्यक्ति को मुक्त कराउंगी।  

गुरुवार, 18 फ़रवरी 2021

धैर्य

बीती ताहि बिसार दे
आगे की सुधि लेओ
यश-अपयश दोनों मिला 
जैसा था विधि लेख 

सारे अपने दूर हुए 
हम जा बेस गैरों के बिच 
सारे अपयश भूलकर 
जाके बेस परदेश 

नया देश था नए लोग थे 
रहे थी अंजान हमारी 
ना वो जाने ना मैं जानूं 
फिर भि सब अपना-अपना था 

पर जानें गंतब्य में कितनी
उलझन हमें और मिलनी थी 
कितने यश कितने अपयश का 
हिस्सा हमें और बनना था 

रोज नए उलझन को लेकर 
नई कसौटी पर चढ़ना था 
लक्ष्य दूर था कठिन डगर थी 
जीवट लेकर चलना था 

यश- अपयश के साथ बिठाना 
तालमेल हमने सिखा 
कठिन घड़ी के कठिन पलों को 
जीवट से हमने काटा।  
 


सोमवार, 15 फ़रवरी 2021

यादों का सफर

सफर सुहाने यादों का
बचपन के नादानी का
नानी के घर जाने का 
जमकर मौज मनाने का 

नानी के संग मेला जाना 
खील बताशे जमकर खाना
नानी से जमकर बतियाना 
मामा के संग गांव घूमना 

नानी सुनाती रोज कहानी 
मामी जमकर कान खींचती 
नए - नए जुमलों से चिढ़ाती 
रोज नए पकवान खिलाती 

मौसी घर-घर हमें घुमाती 
दिनभर घूमकर बात बनाती 
घर-घर का किस्सा सुनकर 
मैं दिनभर में बोर हो जाती 

लौट के घर पर जब मैं आती 
करती माँ से चिल्लम - चिल्ला 
फिर क्या माँ दो चपत लगाती 
कहती फिर चुप बैठो अंदर 
पढ़ो लिखो कुछ काम करो 

मेरा सिर खाने से अच्छा 
ध्यान पढाई में तुम दो 
मिलने यहाँ सबसे आये हैं 
कुछ अपनी कुछ उनकी सुनकर 
वापस हमें चले जाना है 
सारी यादें लेकर उनकी 
हमें लौटकर फिर जाना है 

सफर सुहाने यादों का 
बचपन की नादानी का
याद हमें जब आती है 
मंद-मंद मुस्कान से हमको 
भाव - विभोर कर जाती है।   

शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2021

जादूगर

जादूगर आता है 
जादू दिखाता है
बच्चों को हँसाता है 
खूब तारीफ पाता है 

जादूगर  का कमाल देख
बच्चे हो या बूढ़े 
सब गदगद हो जाते हैं 
तालियाँ भी खूब बजती है 

पर कुछ बच्चे घर जाकर
हो जाते उदास 
काश वो जादू कर पाते 
खुद पे जादू आजमाते 

पर भोले भाले बच्चे 
 एक भी जादू कर नहीं पाते  
समझाते फिर दादा जी 
बच्चों मन छोटा मत करना 

जब तुम भी बड़े हो जाओगे 
फिर तुम भी जादू कर पाओगे 
अच्छा दादा वो कैसे 

नई पढाई नया तरीका 
लेकर तुमको आना है 
मिलजुलकर अपने भारत का 
नया स्वरुप बनाना है 

बच्चे तुम हो भविष्य देश का 
तुमको एक इंसान बनाना 
ये जादू से कम है क्या':::::?

 

मंगलवार, 9 फ़रवरी 2021

हम हमेशा दोस्त रहेंगे

चाहे हम जहाँ कहीं भी रहें
हम हमेशा दोस्त रहेंगे

वक़्त आसान हो या मुश्किल
हम हमेशा दोस्त रहेंगे

हम पास रहें या दूर देश 
हम हमेशा दोस्त रहेंगे

भावनाओं के आदान -प्रदान  के लिए 
हमें कभी भी पत्र की जरूरत नहीं होगी 

एक सच्चा दोस्त वही होता है 
जो मुश्किल वक़्त में भी 
दोस्त के साथ खड़ा होता है 

जिंदगी के उतार - चढ़ाव में भी 
हौसला एक - दूसरे का बनेंगे हम 

मुश्किल से मुश्किल वक़्त में भी 
नई राह ढूंढ लेंगे हम 

क्योंकि हम जानते हैं हम 
हम हमेशा दोस्त रहेंगे

 

बुधवार, 3 फ़रवरी 2021

ये कैसा देश

छोटी साज़िश मोटी साज़िश
साज़िश के ऊपर भी साज़िश

साज़िश के बदले भी साजिश 
साज़िश के पहले भी साजिश 

साजिश करना देश तोड़ना 
मुमकिन है तेरा अरमान 

लेकिन ये अरमान तुम्हारा 
कभी न पूरा हो पाएगा 

कौन है अपना कौन पराया 
जनता सबकुछ जान चुकी है 

कौन है सच्चा कौन है झूठा 
सबकुछ जनता जान चुकी है 

गलत - सही  में करना फर्क 
वक़्त ने हमको सब सिखलाया 

हर झूठे चेहरे से परदा 
वक़्त ने अपने-आप  उड़ाया 

भारत माँ के साथ कौन है 
कौन खड़ा है राह रोककर 

किसने माँ की खातिर अपनी 
जान दावं पे लगा दिया 

साज़िश का बाजार गर्म है 
अफ़रा -तफ़री मची हुई है 

कोई डाली पर बैठ काटता 
कोई पौधे सींच रहा है 

अपना है यह देश अनोखा 

सोमवार, 1 फ़रवरी 2021

वो मैं ही हूँ

तुमने जिसे दिल से चाहा
वो मैं ही हूँ


तुमने जिसे अपने लिए माँगा 
वो मैं ही हूँ 

तुमने जिसे अपनी धड़कन में महसूस किया 
वो मैं ही हूँ 

मैं तुम्हारे जीवन के हर कण में हूँ 
मैं तुम्हारे जीवन के हर क्षण में हूँ 

मैं हरदम तुम्हारे साथ हूँ 
मैं हमेशा तुम्हारे हृदय में हूँ 

मुझे यहाँ - वहाँ  मत ढूंढों 
मैं तुम्हारे अंदर ही लय हूँ 

जीवन में मृत्यु में सुख में दुःख में 
सिर्फ मुझे महसूस करो।