यह ब्लॉग खोजें

Translate

विशिष्ट पोस्ट

पहाड़

हमको बुलाये ए हरियाली  ए पहाड़ के आँचल  हमको छूकर जाये, बार-बार ये बादल  कभी दूर तो कभी पास ए  करते रहे ठिठोली  भोर - सांझ ये आते जाते  होठों...

सोमवार, 1 फ़रवरी 2021

वो मैं ही हूँ

तुमने जिसे दिल से चाहा
वो मैं ही हूँ


तुमने जिसे अपने लिए माँगा 
वो मैं ही हूँ 

तुमने जिसे अपनी धड़कन में महसूस किया 
वो मैं ही हूँ 

मैं तुम्हारे जीवन के हर कण में हूँ 
मैं तुम्हारे जीवन के हर क्षण में हूँ 

मैं हरदम तुम्हारे साथ हूँ 
मैं हमेशा तुम्हारे हृदय में हूँ 

मुझे यहाँ - वहाँ  मत ढूंढों 
मैं तुम्हारे अंदर ही लय हूँ 

जीवन में मृत्यु में सुख में दुःख में 
सिर्फ मुझे महसूस करो। 



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें