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गुरुवार, 25 फ़रवरी 2021

कड़वी यादें

अमृत की है मारामारी
विष का भागी कौन बने
विष पिकर अमृत का अनुभव 
साझा करने की ठानी 

कड़वी यादें परछाई है 
हमें मुकाम तक ले जाने की 
कई ब्यक्त-अब्यक्त कथा को 
मंजिल तक पहुँचाने की 

जब होती तारीफ़ हमारी 
अहम् साथ भी लाता है 
पर जब कोई ढूंढ-ढूंढ कर 
नए नुक्श बतलाता है
फिर पानी की भांति निर्मल 
करके हमें वह जाता है 

दुआ नहीं गर हमें मिला तो 
नफ़रत को ही बना के ताकत 
हर मंजिल को पाना है 

कड़वी यादें दुःख देती है 
पर जीवन में कामयाबी की 
कुँजी यहीं से मिलती है 

आग में तपता है जब सोना 
तब वह कुंदन  बनता है 
कौन है हिरा कौन है पत्थर 
बिना तराशे कोई न जाने 

बिना गिरे ठोकर की कीमत 
नहीं किसी ने जानी है 
गिर-गिर कर ही हमने सीखा 
अपने पैरों पर चलना 

कड़वी यादें सदा साथ में 
हिम्मत बनकर चलती है 
कड़वी यादों को संजोकर 
समर जीतने की ठानी।

12 टिप्‍पणियां:

  1. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार २६ जनवरी २०२१ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. स्वेता जी मेरा हौसला बढ़ाने के लिए आपका बहुत- बहुत धन्यवाद

      हटाएं
  2. आग में तपता है जब सोना,
    तब वह कुंदन बनता है।
    कौन है हीरा, कौन है पत्थर!
    बिना तराशे, कोई न जाने?
    बहुत सुंदर।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. विश्वमोहन जी मेरा हौसला बढ़ाने के लिए आपका बहुत- बहुत धन्यवाद

      हटाएं
  3. यथार्थ का दर्शन कराती रचना

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. अनीता जी मेरा हौसला बढ़ाने के लिए आपका बहुत- बहुत धन्यवाद

      हटाएं
  4. कड़वी यादें सदा साथ में
    हिम्मत बनकर चलती है
    कड़वी यादों को संजोकर
    समर जीतने की ठानी।

    बहुत खूब,अतीत के अनुभव से अगर वर्तमान संवार ले तो उससे बड़ी उपलब्धि कोई नहीं
    बेहतरीन सृजन

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. कामिनी जी मेरा हौसला बढ़ाने के लिए आपका बहुत- बहुत धन्यवाद

      हटाएं
  5. आदरणीया मैम,
    अत्यंत सुंदर प्रेरक कविता जो हमें जीवन के दुखद अनुभवों और संघर्षों को अपनी प्रेरणा और सफलता की सीढ़ी बनाने का संदेश देता है। हृदय से आभार इस सशक्त प्रेरक कविता के लिए।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. अनन्ता जी मेरा हौसला बढ़ाने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद, मैम हमारी लेखनी में कभी कोई कमी भी दिखे तो कृपया जरूर बताइयेगा। आपलोगों का मार्गदर्शन हमारे लिए बहुत कीमती है

      हटाएं
  6. सबसे अलग सा ही लिखती हैं आप.....बहुत ही बढि़या

    जवाब देंहटाएं
  7. संजय जी मेरा हौसला बढ़ाने के लिए आपका कोटि-कोटि आभार। सर हमारी लेखनी में कभी कोई कमी भी दिखे तो कृपया जरूर बताइयेगा। आपलोगों का मार्गदर्शन हमारे लिए बहुत कीमती है. कोई भी रचना तभी पूर्ण होती है जब उसे पढ़ने के बाद आपके मन में कोई भाव आये.

    जवाब देंहटाएं