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अयोध्या धाम

राम आएंगे अयोध्या धाम आएंगे  राम आएंगे तो खुशियां मनाएंगे  फूल माला से मैं घर को सजाऊंगी  रंगोली बना के मैं देहरी सजाऊंगी  दीपमाला बनके खुद ...

गुरुवार, 26 अगस्त 2021

राखी

आया राखी का त्योहार
गली-गली में खुली दुकाने
सज गई सब पर रेशमी राखी 
रन-बिरंगी प्यारी-प्यारी 
मन को मोह रही है राखी

आया राखी का त्योहार
बहना बोली भैया आओ 
राखी का त्योहार मनाये
मिल-जुल कर हम ख़ुशी-ख़ुशी 
सबका मुहं मिठा करवाए 

आया राखी का त्योहार
बहने सजी-धजी बैठी हैं 
राह देखती भाई का 
थाल सजा कर रखा है
रंग-बिरंगी राखी से.     


शुक्रवार, 20 अगस्त 2021

जख्म

जख्म इतने दिए जिन्दगी ने
हम गिन ना सके बंदगी में
हम झुके थे किसी की ख़ुशी में 
पर गम साथ लेके उसके हिस्से से 
ना जाने कब आगे को चल दिए 
मुड़कर कभी देखा नहीं 
जख्म गिनना सिखा नहीं 

रह लंबी है अपनी 
सफ़र मुश्किलों से भरा 
गर जख्म गिनने लगे 
वक़्त काटना मुश्किल हो जाएगा 

जख्म शोला बना जख्म शबनम बना 
जख्म के ताने-बाने से जीवन बना 
जख्म खाए है कितने 
खुद के पैरों पर चलने की खातिर

गिरते -गिरते चलना सीखा 
गिर-गिर कर फिर उठना सीखा 
फिर कुछ आगे बढ़ना सीखा 
लक्ष्य की राह पर बढ़ना सीखा 

सूख-दुःख का मोल समझना सीखा 
गम और खुशियों को जीना सीखा 
जख्म ने जीवन को समझाया 
जीवन का हर मंत्र सिखाया.      

बुधवार, 18 अगस्त 2021

एक दिन

एक दिन मुझे साईं बाबा मिले
बुलाया मुझे साथ चल दो मेरे
राह होगी कठीन पर गिरोगे नहीं 

मैं वही कृष्ण हूँ मैं वही राम हूँ 
मंदिरों में जिसे ढूंढते हो सदा 
मैं तुम्हारे ह्रदय में ही बैठा सदा 

याद करते रहो कर्म करते रहो 
मैं सदा साथ हूँ तुम कभी ना डरो 
हो मुश्किल घड़ी और कठिन हो डगर 
याद करते हुए काट लेना सदा 

पार जाओगे तुम जीत पाओगे तुम 
ह्रदय को  जो मंदिर बनाओगे  तुम
मैं तुम्हारा हूँ और तुम मेरे अंश हो 
तुम हो ब्रम्हांड में मैं हूँ उससे परे. 

शनिवार, 14 अगस्त 2021

सावन की आहाट

वो मेरा सोलह सावन
वो मेरा प्यारा दामन
वो मीठी - मीठी यादें 

वो जीवन की सच्चाई 
कुछ कड़वी कुछ खट्टी
पर है वो कितनी सच्ची 

वो हम दोनों की चाहत 
वो अपनेपन  की आहट 
जो हमको देती राहत 

है बीते कितने सावन 
पर फिर भी ऐसा लगता 
ये  पहला मेरा सावन

हो दुनियाँ भर की खुशियाँ 
तेरे - मेरे दामन में 
तुम यूं ही हंसते रहना 
जीवन की हर राहों में.   

गुरुवार, 12 अगस्त 2021

मायूसी

रिश्तों में भी कुछ नए रंग भरने लगे हैं
बर्फ की परतें  भी पानी बन पिघलने लगी है

जीवन रेत  बन मुट्ठियों से निकलने लगा है 
खुशियां आसमान में बादल सा खोने लगी है 

चाँदनी रात भी अब कुछ-कुछ डराने लगी है
दिन के उजाले में भी अँधेरा नज़र आने लगा है 

शादी के मंडप में भी सूनापन छाने लगा है 
दावत पर भी भी डर का ही साया है 

आजकल बचपन भी कितना खामोश रहने लगा है 
बागों में खेलते बच्चे कैदियों सा खिड़की से झांकते नज़र आने लगे हैं 

हर तरफ़ खौफ़ की आहट  है 
दिल में मायूसी और नजरों में घबराहट है 

खुद कि परछाई भी खुद को डराने लगी है 
जाने कब सवेरा आएगा 

दिन को खिलखिलाती धुप और 
रातों को चाँदनी सुकून देकर जाएगी.  

रविवार, 8 अगस्त 2021

राम

राम हमारे राम तुम्हारे
राम है सबके पालन हारे
राम सभ्याता राम संस्कृति 
राम है जीवन का पर्याय

राम हमारे राम तुम्हारे
राम है सबके पालन हारे
सत्य राम है राम सत्य है 
राम है शांति का पर्याय 

राम हमारे राम तुम्हारे
राम है सबके पालन हारे
राम त्याग है राम तपोवन 
राम सत्य का दूसरा नाम 

राम हमारे राम तुम्हारे
राम है सबके पालन हारे
राम हमारे गूढ़ तत्व हैं 
राम बसे हैं अंतर्मन में 

राम हमारी ह्रदय गति में 
धर्म नहीं जीवन सिखलाते 
सत्य - अहिंसा प्रेम भाव का 
सबको सुन्दर पाठ पढ़ाते.   


मंगलवार, 3 अगस्त 2021

मौत से आलिंगन

जिंदगी के भागदौड़ में
कभी सपना तो कभी हक़ीकत की चाह में
कभी समतल तो कभी पथरीली राह में 
चल रहे थे अकेले 
कुछ अजनबियों के साथ में 

परिवार लम्बा-चौड़ा था हमारा 
पर भीड़ में हमेशा मैं  अकेला  ही खड़ा था 
प्यार सबको था हमसे पर जब भी  हमारी बारी आई
नफ़रत ही हिस्से में हरबार मेरे आई 

एक दिन अचानक मौत से सामना हो गया हमारा 
मौत ने पुकारा लेलो आलिंगन हमारा 
मिल साथ-साथ चलेंगे 
न तुम अकेले रहोगे और न मैं अकेला रहूँगा 

हमने भी मौका देख के तपाक से पूछ लिया 
भाई मेरी छोड़ो तुम कैसे हो अकेले 
ये मुझको जरा समझाना 
तुम्हारी तांडव ने तो आजकल सबको है डराया 

भाई मेरे तुम भी हो कितने भोले-भाले 
तुम जिन्दगी मैं मौत हममे फर्क बस है इतना 
वर्ना तुम भी हो अकेले और मैं भी हूँ अकेला 
तुम यहाँ रो रहे हो और मैं वहाँ रो रहा हूँ .