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बुधवार, 18 अगस्त 2021

एक दिन

एक दिन मुझे साईं बाबा मिले
बुलाया मुझे साथ चल दो मेरे
राह होगी कठीन पर गिरोगे नहीं 

मैं वही कृष्ण हूँ मैं वही राम हूँ 
मंदिरों में जिसे ढूंढते हो सदा 
मैं तुम्हारे ह्रदय में ही बैठा सदा 

याद करते रहो कर्म करते रहो 
मैं सदा साथ हूँ तुम कभी ना डरो 
हो मुश्किल घड़ी और कठिन हो डगर 
याद करते हुए काट लेना सदा 

पार जाओगे तुम जीत पाओगे तुम 
ह्रदय को  जो मंदिर बनाओगे  तुम
मैं तुम्हारा हूँ और तुम मेरे अंश हो 
तुम हो ब्रम्हांड में मैं हूँ उससे परे. 

10 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 18-08-2021को चर्चा – 4,161 में दिया गया है।
    आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी।
    धन्यवाद सहित
    दिलबागसिंह विर्क

    जवाब देंहटाएं
  2. सत्य वचन । अति सुन्दर भाव ।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत खूब आध्यात्मिक चिंतन , दर्शन देती पोस्ट।

    जवाब देंहटाएं
  4. सही कहा।
    बहुत ही सुंदर सृजन।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  5. मेरा हौसला बढ़ाने के लिए अनीता जी आपका बहुत-बहुत आभार. कभी शब्दों के प्रयोग में कोई त्रुटी हो तो कृपया हमारा मार्गदर्शन करे हमें अच्छा लगेगा.

    जवाब देंहटाएं