यह ब्लॉग खोजें

Translate

विशिष्ट पोस्ट

प्रियतम

हे प्रियतम तुम रूठी क्यों  है कठिन बहुत पीड़ा सहना  इस कठिन घड़ी से जो गुज़रा  निःशब्द अश्रु धारा बनकर  मन की पीड़ा बह निकली तब  है शब्द कहाँ कु...

शुक्रवार, 17 नवंबर 2023

सुनहरे पल

 तुम प्रेम हो तुम गीत हो 

चाहत के तुम तो मीत हो 

तुम नित नए संगीत हो 

तुम फूल हो तुम हो कली

तुम ही तो खुशबू रंग हो 

हर ओर फैली वादियों में 

जल की कल-कल धार हो 

तुम मेरी शीतल छाँव हो 

तुम हो ख़ुशी तुम गीत हो 

तुम ही तो मेरे मीत हो।  

3 टिप्‍पणियां: