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पहाड़

हमको बुलाये ए हरियाली  ए पहाड़ के आँचल  हमको छूकर जाये, बार-बार ये बादल  कभी दूर तो कभी पास ए  करते रहे ठिठोली  भोर - सांझ ये आते जाते  होठों...

शुक्रवार, 17 नवंबर 2023

सुनहरे पल

 तुम प्रेम हो तुम गीत हो 

चाहत के तुम तो मीत हो 

तुम नित नए संगीत हो 

तुम फूल हो तुम हो कली

तुम ही तो खुशबू रंग हो 

हर ओर फैली वादियों में 

जल की कल-कल धार हो 

तुम मेरी शीतल छाँव हो 

तुम हो ख़ुशी तुम गीत हो 

तुम ही तो मेरे मीत हो।  

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