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सपने

आँखों में सपने थे  ढेरो अरमान थे दिल में  कुछ अलग करने की  हमने भी ठानी थी  सपने बड़े बड़े थे  पर साधन बहुत सीमित थे  मंज़िल आँखों के सामने थी ...

गुरुवार, 18 जनवरी 2018

समय

समय की कीमत को
जिसने पहचान लिया
ज़िन्दगी के मर्म को उसने बस जान लिया
हर सुबह एक नया सवेरा लेकर आता है
हर चांदनी रात हमारे लिए कुछ सवाल छोड़ जाती है
जीवन पथ पर सिर्फ चलना ही काफी नहीं
समय के मर्म को गहराई से समझना होगा
समय हँसाता भी है
समय रुलाता भी है
हर किसी की ज़िन्दगी
समय के रथ पर ही सवार है
किसी की नैया बेड़ा पार है तो
किसी की मझदार में ही फंसी है
हर किसी को समय की मार खानी ही पड़ती हैं
कोई उस चक्र को मौन में गुजार देता है
तो किसी की चीख़ पूरी दुनिया सुनती है
फर्क है तो सिर्फ हमारी सोच का
समय का काम है चलना
ये हम पर निर्भर करता है कि
हम उसके साथ चले या
फिर वापस लौट चले.

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