वो लोग बड़े खुश किस्मत है
जिसने जीवन का हर दर्द जिया
खुशियों को दामन में भर कर
गम का आलिंगन लेते है
हर गम को जीवन में जी कर
गम का सम्मान बढ़ाते है
गम कहाँ सदा रहने वाला है
यह कह कर मन बहलाते हैं
बरस दर बरस बीत गए
हर नए वर्ष में
खुशियों के गीत गाते है वो
गम के आँसू पीलेंगे हम
नैनों में उसको जी लेंगे हम
गम और खुशियों को
मिलजुल कर जी लेंगे हम
हैं भरोसा अपने आप पर तो
ठोकर को भी गले का हार बना लेंगे
जो शर्म करते थे हम पर
हमसे मिलने को तरस खाएंगे
काश जिंदगी के जद्दोजहद में
सच का आईना भी लगा लेते
हम कभी गलत न थे
अपने आप पहचान लेते
वक्त ने रुलाया था हमें
पर हर बार हिम्मत हमने
खुद से ही जुटाई
जब कभी किसी ओर हाथ बढाया
हमेशा अँधेरा ही पाया
हर ज़ख्म अपनों ने दिया
कभी ये न सोचा कि
दर्द हम भी महसूस करते है
अब क्यों जानना चाहते हो हमें
अब तो पत्थरो में
ढल गए है हम
अब कोई दर्द महसूस नहीं होता
अब तो ज़िन्दगी में बहुत दूर
निकल गए है हम.
जिसने जीवन का हर दर्द जिया
खुशियों को दामन में भर कर
गम का आलिंगन लेते है
हर गम को जीवन में जी कर
गम का सम्मान बढ़ाते है
गम कहाँ सदा रहने वाला है
यह कह कर मन बहलाते हैं
बरस दर बरस बीत गए
हर नए वर्ष में
खुशियों के गीत गाते है वो
गम के आँसू पीलेंगे हम
नैनों में उसको जी लेंगे हम
गम और खुशियों को
मिलजुल कर जी लेंगे हम
हैं भरोसा अपने आप पर तो
ठोकर को भी गले का हार बना लेंगे
जो शर्म करते थे हम पर
हमसे मिलने को तरस खाएंगे
काश जिंदगी के जद्दोजहद में
सच का आईना भी लगा लेते
हम कभी गलत न थे
अपने आप पहचान लेते
वक्त ने रुलाया था हमें
पर हर बार हिम्मत हमने
खुद से ही जुटाई
जब कभी किसी ओर हाथ बढाया
हमेशा अँधेरा ही पाया
हर ज़ख्म अपनों ने दिया
कभी ये न सोचा कि
दर्द हम भी महसूस करते है
अब क्यों जानना चाहते हो हमें
अब तो पत्थरो में
ढल गए है हम
अब कोई दर्द महसूस नहीं होता
अब तो ज़िन्दगी में बहुत दूर
निकल गए है हम.
जवाब देंहटाएंजय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
13/10/2019 रविवार को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में. .....
सादर आमंत्रित है......
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
http s://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
Thanks
हटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (१३ -१०-२०१९ ) को " गहरे में उतरो तो ही मिलते हैं मोती " (चर्चा अंक- ३४८७) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी
धन्यवाद !!
हटाएंसार्थक सृजन।
जवाब देंहटाएंहृदय स्पर्शी।
धन्यवाद।
हटाएंप्रशंसनीय
जवाब देंहटाएंधन्यवाद।
हटाएं