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सपने

आँखों में सपने थे  ढेरो अरमान थे दिल में  कुछ अलग करने की  हमने भी ठानी थी  सपने बड़े बड़े थे  पर साधन बहुत सीमित थे  मंज़िल आँखों के सामने थी ...

बुधवार, 2 अक्टूबर 2019

सपनो का भारत

स्वच्छ भारत सुंदर भारत
आओ मिलकर हम बनाये
गीत खुशियों के जो गाये
मिल जुलकर हम स्वच्छता का
पाठ सबको ही पढाए
खुशनुमा माहौल होगा
साफ़ मेरा घर आँगन
हर गली हर द्वार होगा
हर चौराहे पर खुशियाँ घुमती हो
दशो दिशायें फूलो की खुशबुओं से
खिल उठा हर ओर भारत
माताए बहने स्वस्थ होंगी
फिर नया समृद्ध भारत
मिल के हम बनायेंगे.


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