मुश्किल आएगी जरूर
अपशब्द बड़ा सरल होता है
अपनेआप मुँह से निकल जाता है
शब्द चंचल शब्द निर्मल होता है
शब्द कोमल होता है
शब्द की सीमा होती है
शब्द की मर्यादा होती है
पर अपशब्द तो हमेशा से सीमाहीन
दिशाहीन और मर्यादाहीन रहा है
अपशब्द की खातिर रिश्ते
हरदम टूटा करते हैं
शब्दों के कुछ मधुर तर्क से
टूटे रिश्ते जुड़ जाते हैं
अपशब्दों को छोड़ हे मानुष
शब्दों की मर्यादा जानों
शब्द ख़ुशी है शब्द प्रेम है
शब्द हमारी अभिब्यक्ति।
बहुत सुंदर रचना शब्दों की मर्यादा के सौंदर्य को रेखांकित करती हुई। बधाई और आभार!!!!
जवाब देंहटाएंthanks sir
हटाएंआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 29 -04-2021 को चर्चा – 4,051 में दिया गया है।
जवाब देंहटाएंआपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी।
धन्यवाद सहित
दिलबागसिंह विर्क
आपका बहूत -बहूत आभार
हटाएंशब्द ही व्यक्तित्व के परिचायक हैं।
जवाब देंहटाएंआपका बहूत -बहूत आभार
जवाब देंहटाएंतोल मोल कर बोलना, शब्दों को गढ़कर बोलना कठिन तो होता है पर ऐसा करने से चीज़ें सँवरती हैं, बनती हैं, बिगड़ती नहीं
जवाब देंहटाएंसुन्दर लेखन
thanks sir
हटाएंबहुत सार्थक । शब्द दवा भी है और कटार भी।
जवाब देंहटाएंthanks
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