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पापा

पापा मेरे सपनों का वो प्रतिबिम्ब है  जो हमारे हर सपने को पूरा करते है  हमारी हर जिज्ञासा को पूरा करते है  हमारे लड़खड़ाते कदम को हाथों से संभा...

सोमवार, 30 जून 2025

बचपन

बच्चों के बचपन में देखो कितनी 

भागम - भाग है 

हुआ सवेरा मम्मी - पापा कहते 

जल्दी कर लो बेटा 

जग बदला जग रित भी बदले 

माँ की आँचल के संग - संग 

ममता की वो छाँव भी बदली 

दादी की सब कथा - कहानी 

कहने की तरकीब भी बदली 

घर आँगन की किलकारी अब 

सामूहिक संसार में बदली

उस जग में भी एक यशोदा

और थे उनके एक कन्हैया 

आज कन्हैया हर घर में है 

प्यार करे जिनको माँ यशोदा। 

शनिवार, 28 जून 2025

परछाई

माँ तुम मुझको आज दिला दो 

सपनो वाली मेरी गुड़िया 

वो मुझको सुन्दर लगती है 

मेरे संग - संग वो हंसती है 

मै जो गाऊं वो भी गाए 

ऊछल - कूद हमको बहलाये 

वो नन्ही प्यारी सी गुड़िया 

मेरे मन को हर दम भाए 

मेरी गुड़िया वो तुम ही हो 

है वो तेरा ही प्रतिबिम्ब 

जब भी तुम शीशा में देखो 

खुद को खुद के ही संग पाओ 

कहाँ से लाऊँ मैं वो गुड़िया 

तुमको कैसे मैं समझाऊं 

माँ तुम बुद्धू बन जाती हो 

मुझको भी तुम बहकाती हो 

मेरी प्यारी गुड़िया मुझसे 

बार - बार क्यों छुप जाती है 

माँ तुम उसको पास बुलाओ 

क्यों तुमसे वो डर जाती है। 

गुरुवार, 19 जून 2025

तुम से तुम तक

इस ज़िन्दगी की गीत में 

नीत नए संगीत में 

हर घड़ी हर लम्हे में 

मेरी साँसों में मेरी धड़कन में 

हर जगह तुम साथ हो 


बीते 27 वर्षों में 

आदत तुम्हारी हो गयी 

हो मेरी आवाज़ तुम 

मेरी मौन में भी तुम ही हो 

हर ख़ुशी हर ग़म में तुम 


परछाई तेरी कब बन गयी 

कब चाहत से विश्वास में 

जीवन संगिनी से ख़ास तक 

ये सफ़र कब तै कर लिया 


धीरे - धीरे वक्त ने 

इतना सफ़र तै कर लिया 

हम साथ थे हम साथ हैं 


है हाथ माँ का सिर हमारे 

उनके सहारे हर कठिन 

मुश्किल को यूँ ही काट जायेंगे 

अभी तक पार उतरे है 

आगे भी पार जायेंगे। 

रविवार, 8 जून 2025

बचपन को खिलने दो

बचपन को खिलने दो 

इनको खुश रहने दो 

थोड़ी मनमानी भी करने दो 

जी भी कर जी लेने दो 

अपनी ज़िद्द पूरी कर लेने दो 

बचपन को बचपन की बाहों में 

संवारकर आगे बढ़ने दो 

कभी इनकी बातों से 

तो कभी इनकी हरकतों से 

हमें भी खुश हो लेने दो 

इन्हे रूठने भी दो 

फिर मनाने का मज़ा भी लो

इनकी फूली हुई गाल 

और आँखों में गुस्सा 

भी लगता बड़ा प्यारा 

इनकी तुतलाती हुई बाते 

कर देती है हमें खुश 

इनके हँसते हुए चेहरे देख 

भूल जाती हूँ सब कुछ 

मेरे उपवन के है ये रंग - बिरंगे फूल 

हम ऐसे ही खुश रहे 

झूमते गाते रहे 

ये हमारे प्यारे नन्हे बच्चे 

हरदम मुस्कुराते रहे।