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मंगलवार, 31 जनवरी 2017

गाँव

गाँव हमारा सबसे प्यारा!

सबके नैनों का हैं तारा
प्रभु प्रेम की नदियाँ बहती
एक दूजे से प्रेम हैं करते
एक दूजे का ख्याल हैं रखते
सुख-दुःख में सब साथ है रहते!

हर त्यौहार मानते मिलकर
गली-गली में साफ़ सफाई
घर-घर में किलकारी गूँजे
सुबह-शाम की किर्तन से
पूरा गाँव गूंज हैं उठता!

भाई-भाई मिलकर रहते
पिता-पुत्र में खूब है जमती
जहां बहु-बेटी में कोई फर्क न करता!

जहां सियाराम बाबा रहते
हरियाली जिस गाँव की शोभा
हर घर में तुलसी का पौधा
हर दरवाज़ा फुलवारी हैं!

बिटिया रानी माँ के आँखों का तारा कहलाती
बेटा-बेटी जहां बराबर
कोई भेद नहीं हैं उनमें!
ऐसा गाँव हमारा
गाँव हमारा सबसे प्यारा!!

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