सबके नैनों का हैं तारा
प्रभु प्रेम की नदियाँ बहती
एक दूजे से प्रेम हैं करते
एक दूजे का ख्याल हैं रखते
सुख-दुःख में सब साथ है
रहते!
हर त्यौहार मानते मिलकर
गली-गली में साफ़ सफाई
सुबह-शाम की किर्तन से
पूरा गाँव गूंज हैं उठता!
भाई-भाई मिलकर रहते
पिता-पुत्र में खूब है जमती
जहां बहु-बेटी में कोई फर्क
न करता!
जहां सियाराम बाबा रहते
हरियाली जिस गाँव की शोभा
हर घर में तुलसी का पौधा
हर दरवाज़ा फुलवारी हैं!
बिटिया रानी माँ के आँखों
का तारा कहलाती
बेटा-बेटी जहां बराबर
कोई भेद नहीं हैं उनमें!
ऐसा गाँव हमारा
गाँव हमारा सबसे प्यारा!!
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