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सपने

आँखों में सपने थे  ढेरो अरमान थे दिल में  कुछ अलग करने की  हमने भी ठानी थी  सपने बड़े बड़े थे  पर साधन बहुत सीमित थे  मंज़िल आँखों के सामने थी ...

मंगलवार, 31 जनवरी 2017

गाँव

गाँव हमारा सबसे प्यारा!

सबके नैनों का हैं तारा
प्रभु प्रेम की नदियाँ बहती
एक दूजे से प्रेम हैं करते
एक दूजे का ख्याल हैं रखते
सुख-दुःख में सब साथ है रहते!

हर त्यौहार मानते मिलकर
गली-गली में साफ़ सफाई
घर-घर में किलकारी गूँजे
सुबह-शाम की किर्तन से
पूरा गाँव गूंज हैं उठता!

भाई-भाई मिलकर रहते
पिता-पुत्र में खूब है जमती
जहां बहु-बेटी में कोई फर्क न करता!

जहां सियाराम बाबा रहते
हरियाली जिस गाँव की शोभा
हर घर में तुलसी का पौधा
हर दरवाज़ा फुलवारी हैं!

बिटिया रानी माँ के आँखों का तारा कहलाती
बेटा-बेटी जहां बराबर
कोई भेद नहीं हैं उनमें!
ऐसा गाँव हमारा
गाँव हमारा सबसे प्यारा!!

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