एक लड़की छोटी नन्ही-सी
वो थोड़ी भोली-भाली सी!
आँखों में सपने उसके
हैं चाँद और तारे जैसे
ढेरों सारी ख़ुशियों की
रहती है मस्त मगन में
कुछ सोच में या उलझन में
करना है कुछ भी अच्छा
पर करना क्या हैं उसको
है करना जो भी उसको
मंज़िल मुट्ठी में होगी
हैं साहस उसमें उतनी
सपनों में रंग है इतने
कि इन्द्रधनुष बन जाए
चाहत है उसकी इतनी
कि जब मंज़िल पे पहुँचे
तो एक मकाम बन जाए
जिस मकाम को पाने कि
हर लड़की सपना पाले
एक लड़की छोटी नन्ही-सी
वो थोड़ी भोली-भाली सी!!
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