वो रूठे हैं हमसे
उनको मनाये कैसे?
ज़ज्बात अपने दिल के
उनको दिखाए कैसे
अपनी चाहत, अपना एहसास
उन तक पहुचायें कैसे
अपने दिल में उनकी जगह
उनको दिखायें कैसे!
वो रूठे हैं हमसे
उनको मनाये कैसे
खुशियों के समंदर में भी
हम गुमसुम हैं
इस ख़ामोशी की
दीवार को हटाएं कैसे
अब तुम सिर्फ मेरी
चाहत ही नहीं
मेरी आदत बन गए हो
ये सन्देश उन तक
पहुचाएं कैसे?!
वो रूठे हैं हमसे
उनको मनाये कैसे?
हर बार उनसे
पहल की उम्मीद करते हैं
इस बार अपनी तरफ से
कदम बढ़ाये कैसे
वो रूठे हैं हमसे
उनको मनाये कैसे?!
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