जिसकी गहराई की सिर्फ
कल्पना ही की जा सकती हैं
नापने का कोई पैमाना नहीं
जानने का कोई मंत्र नहीं
हर कोई सिर्फ कोड़ी कल्पना
ही कर सकता है
जीवन का पूरा सच क्या हैं?
यह कोई नहीं बता सकता
हम सब उस नाटक के पात्र हैं
जिसकी डोर सिर्फ और सिर्फ
उस प्रभु के हाथों में है
जिन्हें हम सब बस कल्पना में ही
महसूस कर सकते हैं
जीवन हर पल को जी भर कर जी लेने का नाम है
जीवन सबको ख़ुशियाँ बाँटने का
नाम है
जीवन सुख और दुःख का एक ऐसा
दरिया हैं
जिसे हँस के गुजारों तो आसान
नहीं तो पहाड़
लेकिन गुजारना तो है औरयही जीवन का सत्य है!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें