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पहाड़

हमको बुलाये ए हरियाली  ए पहाड़ के आँचल  हमको छूकर जाये, बार-बार ये बादल  कभी दूर तो कभी पास ए  करते रहे ठिठोली  भोर - सांझ ये आते जाते  होठों...

शनिवार, 25 फ़रवरी 2017

वसंत

देखो वसंत का मौसम आया
हर ओर सुहाना छाया
हर दिल में उमंगें भर दी
हर पेड़ हरा हो आया!

बागीचे में रंग-बिरंगी फूले खिली हुई हैं
ठंडी शीतल हवा के झोंके उनको छूकर जाए
खेतों में सरसों के फूल
पीली चादर बनकर छाए!

नए फसल के आने से
खिल उठे किसान के चेहरे
हर घर में रौनक छाई
सबको हैं अब इंतज़ार
रंगों की होली आई!

रंग-बिरंगे चेहरे होंगे
नए-नए पकवान बनेंगे
रूठे हुए भी गले मिलेंगे
मिल-जुलकर त्यौहार मनाये!

आओ सबको गले लगाए
देखो वसंत का मौसम आया
संग ढेरों ख़ुशियाँ ले आया

देखो वसंत का मौसम आया!!

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