स्वाधीनता की कलम से लिखेंगे
वीरों की गाथा की स्वर्णिम कहानी
हमें याद रखना हैं उनकी जुबानी
महज खानापूर्ति बने न कहानी
दीवानों की महफ़िल ने देदी आज़ादी
हमें मुस्कुराने के लायक बनाया
हमें सांस लेना भी खुल क सिखाया
उनकी जुदाई ने हमको रुलाया
वाही वीर गाथा है तुमको सुनानी
वीरों के यादों में महफ़िल सजाना
हमें मातृभूमि का वंदन हैं करना
तिलक मिट्टियों
से लगाना हमें हैं
बढ़ाना हैं गौरव
देश का
दिखाना राह
बच्चों को
हर लाडले को
बनना हैं सिपाही देश का
तिरंगा देश का
गौरव
हमारे शान की
जय हो
हम आज़ाद भारत में
आज मनाए मिलकर
के आज़ादी के दिवानो की
यादों में कुछ
मिलकर गाए
नमन सदा करते
रहना हैं
अपने वीर
जवानों को!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें