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तुम से तुम तक

इस ज़िन्दगी की गीत में  नीत नए संगीत में  हर घड़ी हर लम्हे में  मेरी साँसों में मेरी धड़कन में  हर जगह तुम साथ हो  बीते 27 वर्षों में  आदत तुम्...

शनिवार, 12 अगस्त 2017

आज़ादी

स्वाधीनता की कलम से लिखेंगे
वीरों की गाथा की स्वर्णिम कहानी
हमें याद रखना हैं उनकी जुबानी
महज खानापूर्ति बने न कहानी
दीवानों की महफ़िल ने देदी आज़ादी
हमें मुस्कुराने के लायक बनाया
हमें सांस लेना भी खुल क सिखाया
उनकी जुदाई ने हमको रुलाया
वाही वीर गाथा है तुमको सुनानी
वीरों के यादों में महफ़िल सजाना
हमें मातृभूमि का वंदन हैं करना
तिलक मिट्टियों से लगाना हमें हैं
बढ़ाना हैं गौरव देश का
दिखाना राह बच्चों को
हर लाडले को बनना हैं सिपाही देश का
तिरंगा देश का गौरव
हमारे शान की जय हो
हम आज़ाद भारत में
आज मनाए मिलकर के आज़ादी के दिवानो की
यादों में कुछ मिलकर गाए
नमन सदा करते रहना हैं

अपने वीर जवानों को!

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