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पहाड़

हमको बुलाये ए हरियाली  ए पहाड़ के आँचल  हमको छूकर जाये, बार-बार ये बादल  कभी दूर तो कभी पास ए  करते रहे ठिठोली  भोर - सांझ ये आते जाते  होठों...

मंगलवार, 16 अक्टूबर 2018

शेरावाली माँ

ओ माँ शेरावाली
ओ माँ शेरावाली
तुम सारे जग से निराली
तुम सारे जग से निराली
तू है जोतावाली
तेरी अपनी शान निराली
ओ माँ शेरावाली
तू बिगरी बनाने वाली
खुशियों की ज्योत जगा दे
मन का अँधियारा दूर करा दे
माँ हमको अपने दिल में
अपनत्व का बोध करा दे
ओ माँ शेरावाली
मेरी ममता आज जगा दे
मेरा जीवन खास बना दे
मुझे अपने द्वार बुला ले
अपनी आँचल की छाँव में
मुझे अब तो दर्शन दे दे
ओ माँ शेरावाली
ओ माँ जोतावाली.

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