भारत माँ पे कुर्बान हुए
माँ की मान बढाने को
माँ की शान बचाने को
लाखों सपूत कुर्बान हुए
आज़ाद देश कहलाने को
हर घर ने कुर्बानी दी
हर घर संग्राम का हिस्सा था
ए देश नहीं माँ मेरी है
माँ की ख़ातिर हम आज यहाँ
माँ की रक्षा है फ़र्ज़ मेरा
माँ का है मुझपे क़र्ज़ बड़ा
माँ की ख़ातिर मिट जायेंगे
माँ का आँचल है स्वर्ग मेरा
माँ का सर झुकने से पहले
अपने सर का बलिदान करे
हे वीर तुम्हारी विरह कथा
अपने शब्दों में कह पाए
यह सौभाग्य हमारा है
कि यह तुक्ष कलम
कुछ लिख पाए
है नमन सदा उन वीरों को
जिसने क़ुरबानी देश पे दी
जिसने भारत की रक्षा की।
''...
जवाब देंहटाएंयह सौभाग्य हमारा है
कि यह तुक्ष कलम
कुछ लिख पाए
...''
वाह! निश्चित ही एक कवि/लेखक यही सौभाग्य चाहेगा। जय हिन्द।
आपका बहुत बहुत धन्यवाद !!!
हटाएं