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सपने

आँखों में सपने थे  ढेरो अरमान थे दिल में  कुछ अलग करने की  हमने भी ठानी थी  सपने बड़े बड़े थे  पर साधन बहुत सीमित थे  मंज़िल आँखों के सामने थी ...

सोमवार, 12 अगस्त 2024

बारिश का मौसम

देश हमारा इतना प्यारा 

सब नदीयों की बहती धारा 

ऋतू चार जीते हम सब है 

सर्दी - गर्मी वसंत - वर्षा 


बारिश के मौसम में बच्चे 

खूब खेलते छप - छप करके 

मम्मी जितनी चिक - चिक करती 

बच्चे उतने खुश हो जाते 


मम्मी छाता में छुप जाती 

बच्चे उछल - उछल कर गाते 

आज भींग कर जायेंगे 

मस्ती खूब मचाएंगे। 

11 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" शनिवार 17 अगस्त 2024 को लिंक की जाएगी ....  http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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  2. वाह! बहुत सुंदर। बालक मन जागृत हो गया।

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