नारी को महिला दिवस के दायरे में नहीं बाँध सकते
नारी का हर पल एक प्रयोग है एक रोमांच है
नारी हर दिन एक नई कहानी लिखती है
नए प्रयोग करती है और जग को ख़ुशी का संदेश देती है
नारी के लिए हर दिन नया है सब कुछ अलग है
नारी हर पल को जीती है हर पल को संजोती है
कभी माँ तो कभी पत्नी तो कभी गुरु का फ़र्ज़ निभाती है।
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर सोमवार 12 मई 2025 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
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धन्यवाद 🙏
हटाएंसही कहा ,नारी तो नारायणी है ..
जवाब देंहटाएं🙏
हटाएंसही कहा ,नारी तो नारायणी है ..
जवाब देंहटाएंसही कहा
जवाब देंहटाएं🙏
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