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सपने

आँखों में सपने थे  ढेरो अरमान थे दिल में  कुछ अलग करने की  हमने भी ठानी थी  सपने बड़े बड़े थे  पर साधन बहुत सीमित थे  मंज़िल आँखों के सामने थी ...

रविवार, 11 मई 2025

महिला दिवस

नारी को महिला दिवस के दायरे में नहीं बाँध सकते 

नारी का हर पल एक प्रयोग है एक रोमांच है 

नारी हर दिन एक नई कहानी लिखती है 

नए प्रयोग करती है और जग को ख़ुशी का संदेश देती है 

नारी के लिए हर दिन नया है सब कुछ अलग है 

नारी हर पल को जीती है हर पल को संजोती है 

कभी माँ तो कभी पत्नी तो कभी गुरु का फ़र्ज़ निभाती है। 

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