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सपने

आँखों में सपने थे  ढेरो अरमान थे दिल में  कुछ अलग करने की  हमने भी ठानी थी  सपने बड़े बड़े थे  पर साधन बहुत सीमित थे  मंज़िल आँखों के सामने थी ...

मंगलवार, 20 मार्च 2018

वक्त नहीं

आँखों में नींद है मेरी
पर सोने का वक्त नहीं
दिल है गमो से भरा
पर रोने का वक्त नहीं

पैसों की दौड़ में ऐसे दौड़े
कि थकने का भी वक्त नहीं
पराए एहसानों की क्या क़द्र करे
जब अपने सपनो के लिए ही वक्त नहीं

तू ही बता ए ज़िन्दगी
इस ज़िन्दगी का क्या होगा
कि हर पल मरने वालों को
जीने के लिए भी वक्त नहीं.

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