रिक्शा लेकर घूमने
तभी सामने हाथी दादा
सूंड झूलाते आ गए
बोले मुझको लेकर चलो
अगले चौराहे तक
अपना रिक्शा करूँ कबाड़ा
अगर तुम्हे बैठाऊँ तो
जान बूझकर क्यों करते हो
मेरे साथ ठिठोली
माफ़ करो गुस्ताखी भईया
कोई और बुलाओ
जो तुमको बैठा कर भईया
अपने संग लेकर जाये
मैं तो बड़ी पतली - दुबली हूँ
तेरा भार न ढो पाऊँगी
मैं और मेरा रिक्शा दोनों
यहीं बिखर के रह जाएंगे
हाथी दादा चुप चल दिए
अपना गुस्सा पीकर।
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