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शनिवार, 27 मार्च 2021

मानव जीवन

मानव का जीवन है रहस्य
मानवता उसका जटिल प्रेम
खुशियाँ फूलों का उपवन है
जिसमे चुभते काटें हजार

बचपन अनमोल खजाना है 
खुशियों का ताना-बाना है 
है रोज उम्र बढ़ती जाती 
खुशियाँ पीछे छूटती जाती 

मानव का जीवन है रहस्य
मानवता उसका जटिल प्रेम
जीवन में रोज नई उलझन 
कल होगा क्या यह ज्ञात नहीं 

उलझन कोई उलझाएगा 
या देकर कोई नया लक्ष्य 
रुके हुए इस जीवन को 
कोई गति नई मिल जायेगी 

हर रोज परीक्षा देनी है 
हर रोज प्रश्न सुलझाना है 
गम के और ख़ुशी के आँसू 
दोनों का आनंद उठाना 

बढ़ते उम्र की बढ़ती उलझन 
बढ़ा दायरा काम का 
जीवन के हर मोड़ से परिचय 
वक़्त हमें करवाता है 

जीवन की हर गुत्थी  को
 वक़्त ही सुलझाता है.   

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