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शुक्रवार, 10 मई 2019

मेरी अम्मा

जब अपनी गुड़िया को मैंने 
लिया गोद में पहली बार 
मुझको घूर रही थी तेरी
गोल-मटोल सी आँखे 
पूछ रही थी मानो मुझसे 
क्या तुम ही मेरी अम्मा हो 

मेरे अरमानो और सपनो की 
तुम ही भूल भुलैया हो 
शुरू तुम्ही से हूँ मैं मैया 
जीवन तुम पर अर्पित है 
तुम ही बिस्तर, तुम ही पालना 
तुम ही स्वर्ग की परियां हो 

तुम पर अपना 
खूब प्यार बरसाऊँगी 
मैं तेरा हर सपना अम्मा 
पूरा कर के दिखलाऊँगी

मेरी अम्मा तुझसे मेरा 
आज-अभी ये वादा हैं 
जब तेरी आँखें भीगेगी 
खुशियों की ही खातिर।

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