हर पल बदलते रहे, रिश्तों के मायने
हर कदम में, राह काटों से भरी थी
ज़िन्दगी अपनी तूफानी, सैलाबों में फँसी थी
कब होती भोर, कब शाम ढल जाए
मुझको न थी खबर, बस इतना था यकीन
इन सैलाबों से जूझ कर भी
मैं एक दिन निकल जाउंगी पार
ज़िन्दगी की राहों में
अक्सर गुमशुदा रह जाते है लोग
हार कर थक कर, निराश हो जाते है लोग
किस्मत को कोस कर ही, चैन पाते है लोग
पर हमने तो अपनी राह बनाई है हर दम
थोड़ा-थोड़ा कर के ही सही
मंज़िलो की और कदम बढ़ाये है हमने
ज़िन्दगी को एक मुकाम तक लाने की
हिम्मत दिखाई है हमने
राह ज़िन्दगी की आसान नहीं होती
पर इसको आसान बनाने की हिम्मत
दिखाई है हमने
अंगारों भरी राह पर, बर्फ बिछाई है हमने
सुनी आँखों में सपनो की तस्वीर
जगाई है हमने
अँधेरी रातों में भी, खुशियों के बल्ब
जलाये है हमने
अपनों के बीच, संसार बसते है लोग
हमने तो बेगानो के बीच ही
अपना संसार बसाया है
दामन में समेट ली वो सारी खुशियां
जो अनजान शहर और अनजान लोगों ने
बरसाई है हम पे
हौसला ज़िन्दगी में हमेशा राह दिखाता है
हौसला हर मुश्किल में ताकत बन जाता है
हौसला रखना हर दम
नामुमकिन चीज़ भी मुमकिन बन जाता है।
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