ये कैसी खामोशी है
ये कैसा भोर हुआ है
हर ओर उदासी छाई
सन्नाटा हर ओर है फैला
है विश्व युद्ध की आहट
है छद्दम युद्ध यह फैला
है बीच खड़े हम सब
जीवन और मृत्यु के
मानव जीवन पर कैसा
ये संकट घोर है आया
ये कैसी खामोशी है
ये कैसा भोर हुआ है
ये कैसा भोर हुआ है
हर ओर उदासी छाई
सन्नाटा हर ओर है फैला
है विश्व युद्ध की आहट
है छद्दम युद्ध यह फैला
है बीच खड़े हम सब
जीवन और मृत्यु के
मानव जीवन पर कैसा
ये संकट घोर है आया
ये कैसी खामोशी है
ये कैसा भोर हुआ है
सूर्य तुम्हारे प्रथम किरण को
संजो कर रख लेंगे
ये उद्देश्य हमारा है
हम नहीं डीगेंगे इससे
जल्दी इस घोर घडी से
पार भी हम उतरेंगे
देवों की इस धरती को
फिर से पावन कर लेंगे
ये कैसी खामोशी है
ये कैसा भोर हुआ है
ये कैसा भोर हुआ है
कुछ छुट रहा है पीछे
कुछ आगे को आना है
कर्तव्य हमारा हर दम
हो अपने देश के खातिर
इस विकट घडी में सबको
मिलकर आगे बढ़ना है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें