यह ब्लॉग खोजें

Translate

विशिष्ट पोस्ट

शिक्षा

शिक्षा,  शिक्षित,  और शैक्षणिक संस्थान  ये सब आपस में ऐसे जुड़े है  जैसे एक माँ से बच्चे के हृदय के तार  जो दिखाई कभी नहीं देता  पर बच्चों के...

मंगलवार, 18 मई 2021

श्रधा सुमन

श्रधा सुमन प्रेम अर्पण करूं
तुम देवलोकों में विचरण करो
सब छोड़ तुम मोह माया का बंधन 
जगत से पड़े लोक में जब चली 
अश्रुधारा  नयन से बहा के चली

श्रधा सुमन प्रेम अर्पण करूं
तुम्हे मुक्ति मिले मुक्त संसार हो 
तुम जहाँ भी रहो प्यार ही प्यार हो 
सारी खुशियाँ मिले अब नए वेश में 
रह गए शेष सब आज सन्देश में 

श्रधा सुमन प्रेम अर्पण करूं
याद मिठे भी हैं याद कड़वे भी हैं 
भिगते हैं नयन याद जब भी करूँ 

श्रधा सुमन प्रेम अर्पण करूं
जीवन की बहती धारा से 
तुम राह मोड़ कर निकली हो
तुम अपनी राह बना लेना 

श्रधा सुमन प्रेम अर्पण करूं
तुम मुक्त गगन में छा जाना 
तुम तारों के देश में 
टीम-टीम तारों सा करना.   


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें