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पहाड़

हमको बुलाये ए हरियाली  ए पहाड़ के आँचल  हमको छूकर जाये, बार-बार ये बादल  कभी दूर तो कभी पास ए  करते रहे ठिठोली  भोर - सांझ ये आते जाते  होठों...

बुधवार, 6 जनवरी 2021

बच्चों का जीवन

बच्चे मन के होते सच्चे
सबके मन को वो भाते हैं
सबके चेहरे पर खुशियों के 
नए रंग वो दे जाते हैं  

बच्चे खाते  चाट - मिठाई 
या फिर खाते नानकताई
सुबह - सबेरे  खिटपिट करते 
होते हरदम गुत्थम- गुत्था

बात - बात पर उनकी ठनती 
फिरब भी सब हैं मिलकर रहते 
खेल - खिलौना हंसना - रोना 
दिनचर्या बस इतनी उनकी

ना कोइ गम ना कोई सितम है 
ना कोई चिंता कोइ ना  फिकर है 
जीवन का अनमोल ये पल है।   

  
 



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