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शनिवार, 2 जनवरी 2021

मन का सूरज

मन का सूरज कभी बूझने न देना
गम लाख परेशान  करे तो क्या
अँधेरे से अपने घर की चाँदनी 
को कभी ढकने न देना 

मन के सूरज को हमेशा चमका पाओगे 
गर अपने हिम्मत में मेहनत की छौंक लगाओगे 
दिन आया है तो रात तो आएगी ही 
उजाला अपने साथ - साथ 
कुछ अँधेरा तो लाएगी ही

मन के  सूरज कभी बूझने न देना
ये तन मिला है बड़ी सिद्दतों  के बाद 
करने हैं भूत काम अभी बांकी 
गढ़ने हैं मुकाम अभी काफी 

मन के सूरज कभी बूझने न देना
हर मोड़ पर मुश्किलों से सामना होता है 
पर मुश्किल के बाद हौसला अपना मजबूत होता है। 



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