यह ब्लॉग खोजें

Translate

विशिष्ट पोस्ट

पहाड़

हमको बुलाये ए हरियाली  ए पहाड़ के आँचल  हमको छूकर जाये, बार-बार ये बादल  कभी दूर तो कभी पास ए  करते रहे ठिठोली  भोर - सांझ ये आते जाते  होठों...

गुरुवार, 21 जनवरी 2021

मेट्रो की सवारी

मेरे शहर में आ गई
मेट्रो की सवारी

बस का धक्का - मुक्का छूटा 
छूटा पीछा सड़क की जाम से 

मेट्रो से हम झटपट पहुंचे 
शहर का कोना - कोना घुमा 

झटपट आती झटपट जाती 
झटपट सबको घर पहुंचाती 

सबका टाइम बचाती  मेट्रो 
साफ - सफाई भी सिखलाती 

वक़्त पे आना वक़्त पे जाना 
वक़्त का मोल सिखाती मेट्रो 

बच्चों के मन को भाती  मेट्रो
शहर का सैर कराती मेट्रो।   
 

2 टिप्‍पणियां: