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सपने

आँखों में सपने थे  ढेरो अरमान थे दिल में  कुछ अलग करने की  हमने भी ठानी थी  सपने बड़े बड़े थे  पर साधन बहुत सीमित थे  मंज़िल आँखों के सामने थी ...

शनिवार, 14 अगस्त 2021

सावन की आहाट

वो मेरा सोलह सावन
वो मेरा प्यारा दामन
वो मीठी - मीठी यादें 

वो जीवन की सच्चाई 
कुछ कड़वी कुछ खट्टी
पर है वो कितनी सच्ची 

वो हम दोनों की चाहत 
वो अपनेपन  की आहट 
जो हमको देती राहत 

है बीते कितने सावन 
पर फिर भी ऐसा लगता 
ये  पहला मेरा सावन

हो दुनियाँ भर की खुशियाँ 
तेरे - मेरे दामन में 
तुम यूं ही हंसते रहना 
जीवन की हर राहों में.   

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