यह ब्लॉग खोजें

Translate

विशिष्ट पोस्ट

सपने

आँखों में सपने थे  ढेरो अरमान थे दिल में  कुछ अलग करने की  हमने भी ठानी थी  सपने बड़े बड़े थे  पर साधन बहुत सीमित थे  मंज़िल आँखों के सामने थी ...

रविवार, 18 फ़रवरी 2024

बसंत

देखो बसंत आया है 

सबके मन को भाया है 

चारो ओर रंग-बिरंगे फूल खिले है 

मौसम भी सुहाना है 

मन मुस्कुरा रहा है 

तन झूमने को करता 

रंग-बिरंगे गुलाल लेकर 

बच्चे इधर-उधर है डोले 

कभी किसी के सर पर डाले 

तो कभी किसी को बाँहों में भर ले

आया बसंत आया 

सबके मन को भाया। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें