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सपने

आँखों में सपने थे  ढेरो अरमान थे दिल में  कुछ अलग करने की  हमने भी ठानी थी  सपने बड़े बड़े थे  पर साधन बहुत सीमित थे  मंज़िल आँखों के सामने थी ...

शुक्रवार, 14 सितंबर 2018

अवलोकन

जीवन पथ है, ढुलमुल रथ है
पथ पर कंकड़ ढेर मिलेंगे
जीवन पर्याप्त वहन करना
बस मंद गति चलते रहना
खाना-पीना-सोना-जगना
जल-सा चंचल बहते रहना

जीवन पथ है, ढुलमुल रथ है
कांच-सा कोमल तन-मन मेरा 
ठोकर की भरमार यहाँ है 
प्रेम-द्वेष और विरह मिलन का 
संगम हैं संसार ये मेरा 

जीवन पथ है, ढुलमुल रथ है 
धुप-छांव से आते जाते 
सुख-दुःख का संगम जीवन है 
आपा-धापी होड़ लगी है 
सबको पीछे छोड़ चले हम 
नियति की गति तोड़ चले हम
खुद से खुद को भूल चले हम.

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