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पहाड़

हमको बुलाये ए हरियाली  ए पहाड़ के आँचल  हमको छूकर जाये, बार-बार ये बादल  कभी दूर तो कभी पास ए  करते रहे ठिठोली  भोर - सांझ ये आते जाते  होठों...

शनिवार, 22 सितंबर 2018

साईं कन्हैया

ओ मेरे जीवन के खेवैया
तुम हो मेरे साईं कन्हैया
तुम ही मेरे माँ-बाप भैया
नेह नाते दार तुम हो
सब के पालन हार तुम हो

ओ मेरे जीवन के खेवैया
तुम हो मेरे साईं कन्हैया
तुम से है जीवन की ये खुशियाँ
तुम ही मेरे माँ-बाप भैया

ओ मेरे जीवन के खेवैया
सब के पालन हार तुम हो
दीन-दुखी के द्वार तुम हो
हर घडी हर सांस तुम हो
मेरा तो विश्वास तुम हो

ओ मेरे जीवन के खेवैया
तुम हो मेरे साईं कन्हैया
तुम ही मेरे माँ-बाप भैया.

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