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पहाड़

हमको बुलाये ए हरियाली  ए पहाड़ के आँचल  हमको छूकर जाये, बार-बार ये बादल  कभी दूर तो कभी पास ए  करते रहे ठिठोली  भोर - सांझ ये आते जाते  होठों...

मंगलवार, 18 सितंबर 2018

दुनियावालों

सुनो-सुनो ऐ दुनियावालों
इतिहास करवट लेने वाला है
हाइफा के समुद्र तट पर
दो वीर सपूत के
पानी के साथ करते अठखेलियों को
देख रहा है विश्व ध्यान से
क्या यह है संकेत मिलन का
या फिर आने वाली कोई क़यामत है

सुनो-सुनो ऐ दुनियावालों
इतिहास करवट लेने वाला है
यूँ नहीं दौड़ लगा रहे दुनिया के
वह तो भीष्मपितामह है
दाढ़ी पक गयी बाल पक गए
फिर भी जोश जवानों सा

सुनो-सुनो ऐ दुनियावालों
इतिहास करवट लेने वाला है
यह देश चल पड़ा प्रगति की राह पर
अब यह नहीं रुकने वाला है

सुनो-सुनो ऐ दुनियावालों
इतिहास करवट लेने वाला है
तुम जोर लगा लो लाख मगर
अब हमें नहीं पीछे मुड़ना है
हैं साथ हमारे भीष्मपितामह
हैं नहीं किसी का डर हमको.

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