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पहाड़

हमको बुलाये ए हरियाली  ए पहाड़ के आँचल  हमको छूकर जाये, बार-बार ये बादल  कभी दूर तो कभी पास ए  करते रहे ठिठोली  भोर - सांझ ये आते जाते  होठों...

बुधवार, 19 सितंबर 2018

कदम-कदम बढ़ाये जा

कदम-कदम बढ़ाये जा
सफल कदम बढ़ाये जा
वो गीत गुनगुनाए जा
हैं मज़िले आसान ही
कदम-कदम बढ़ाये जा

कदम-कदम बढ़ाये जा
जीवन के उलझनों को
तुम खुद से ही सुलझाए जा
भय ठोकरों का कर नहीं
यह आज है कल फिर नहीं
कदम-कदम बढ़ाये जा

कदम-कदम बढ़ाये जा
वो गीत गुनगुनाए जा
सब हौसला बढ़े तेरा
तू बस सीढ़ियाँ बनाए जा
ज़मीन, गगन, नदी, पहाड़,
सभी को पार कर
कदम-कदम बढ़ाये जा

कदम-कदम बढ़ाये जा
ख़ुशी के गीत गाये जा
हर लक्ष्य हो तुम्हारा
तुम हो विजय सदा
कदम-कदम बढ़ाये जा.

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