सूर्य सा तेज
चाँद सी शीतलता
फूलों सी खुशबू
ज़िन्दगी के हर क्षण में
गुलाबों की कोमलता
गुलाब के काटों सी सख्ती
कमल के पुष्पों सी पवित्रता
नदियों के जल सी निर्मलता
बर्फ की सफेदी सी स्वच्छता
बादलों सी गहराई
पवन सी स्वछंदता
आसूं सी व्याकुलता
चांदनी रात सी रौशनी
यही तो है
अपने जीवन का सार
इसी से उदय
इसी में अस्त
जीवन तो जीवन है
हर पल वो मस्त है
कभी उदय
तो कभी अस्त है।
चाँद सी शीतलता
फूलों सी खुशबू
ज़िन्दगी के हर क्षण में
गुलाबों की कोमलता
गुलाब के काटों सी सख्ती
कमल के पुष्पों सी पवित्रता
नदियों के जल सी निर्मलता
बर्फ की सफेदी सी स्वच्छता
बादलों सी गहराई
पवन सी स्वछंदता
आसूं सी व्याकुलता
चांदनी रात सी रौशनी
यही तो है
अपने जीवन का सार
इसी से उदय
इसी में अस्त
जीवन तो जीवन है
हर पल वो मस्त है
कभी उदय
तो कभी अस्त है।
जवाब देंहटाएंजय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
16/02/2020 रविवार को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में. .....
सादर आमंत्रित है......
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
http s://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
Thank you very much!!
हटाएंक्या खूब लिखा है.
जवाब देंहटाएंबहुत खुबसुरत.
आपके ब्लॉग तक पहलीबार आया हूँ बहुत सुंदर अच्छा लिखते हैं आप. सो फॉलो भी कर रहे हैं.
आप भी मेरे ब्लॉग तक आयें.
आइयेगा- प्रार्थना
मेरा हौसला बढ़ाने के लिए आपका बहूत बहूत आभार.
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