सदा निरंतन हरि गुण गाओ
साईं के चरणों में शीष नवाओ
प्रेम भक्ति की ज्योत जलाओ
मानव सेवा धर्म बनाओ
सदा निरंतन हरि गुण गाओ
साईं के चरणों में शीष नवाओ
अधिकारों और कर्तव्यों में
ताल-मेल तुम सदा बिठाओं
धैर्य साथ लो, कर्म हाथ लो
खुद का जीवन पुण्य बना लो
सदा निरंतन हरि गुण गाओ
साईं के चरणों में शीष नवाओ
सदाचार सदभाव बनाओ
सत्य अहिंसा धर्म बनाओ
मार्ग सत्य का सदा अपनाओ
सदा निरंतन हरि गुण गाओ
साईं के चरणों में शीष नवाओ।
साईं के चरणों में शीष नवाओ
प्रेम भक्ति की ज्योत जलाओ
मानव सेवा धर्म बनाओ
सदा निरंतन हरि गुण गाओ
साईं के चरणों में शीष नवाओ
अधिकारों और कर्तव्यों में
ताल-मेल तुम सदा बिठाओं
धैर्य साथ लो, कर्म हाथ लो
खुद का जीवन पुण्य बना लो
सदा निरंतन हरि गुण गाओ
साईं के चरणों में शीष नवाओ
सदाचार सदभाव बनाओ
सत्य अहिंसा धर्म बनाओ
मार्ग सत्य का सदा अपनाओ
सदा निरंतन हरि गुण गाओ
साईं के चरणों में शीष नवाओ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें