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पहाड़

हमको बुलाये ए हरियाली  ए पहाड़ के आँचल  हमको छूकर जाये, बार-बार ये बादल  कभी दूर तो कभी पास ए  करते रहे ठिठोली  भोर - सांझ ये आते जाते  होठों...

मंगलवार, 4 फ़रवरी 2020

जीवन की डोर

सदा निरंतन हरि गुण गाओ
साईं के चरणों में शीष नवाओ
प्रेम भक्ति की ज्योत जलाओ
मानव सेवा धर्म बनाओ

सदा निरंतन हरि गुण गाओ
साईं के चरणों में शीष नवाओ
अधिकारों और कर्तव्यों में
ताल-मेल तुम सदा बिठाओं
धैर्य साथ लो, कर्म हाथ लो
खुद का जीवन पुण्य बना लो

सदा निरंतन हरि गुण गाओ
साईं के चरणों में शीष नवाओ
सदाचार सदभाव बनाओ 
सत्य अहिंसा धर्म बनाओ
मार्ग सत्य का सदा अपनाओ

सदा निरंतन हरि गुण गाओ
साईं के चरणों में शीष नवाओ।

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