नारी सृजन, नारी अमन
नारी ही लिखती है सदा
हर विनाश की पटकथा
नारी वो गूढ़ तत्त्व है
नारी वो उलझा सत्य है
जिसको समझना व्यर्थ है
जितना समझना चाहते
उतना उलझते जा रहे
नारी सृजन, नारी अमन
नारी है उपवन की महक
आती पवन की झोकों सी
खुशियों का दामन थाम कर
खुद दुखी रह कर भी
खुशियां बिखेरती है सदा
नारी सृजन, नारी अमन
नारी है रिश्तों का चमन
चाहे हो नन्ही बेटियां
या हो दादी अम्मा घर की
हर रूप में अपनी जगह
है प्रेम सागर सा भरा
नारी सृजन, नारी अमन
नारी सुनहरी धुप है
नारी वो चंचल छाँव है
जिसके तले जो बैठता
दामन हो खुशियों से भरा
नारी सृजन, नारी अमन
नारी अमर वो प्रेम है
जिसकी कथाएँ हर सदी में
लिखती इबारत है नयी
नारी सृजन, नारी अमन
नारी मिलन में मीत है
नारी विरह का गीत है
नारी नयन में नीर है
नारी हृदय में धड़कनो में
नारी सृजन, नारी अमन
जीवन के हर कण में नारी
जीवन के धड़कन में नारी
जीवन के हर छण में नारी
नारी की सीमा अन्नत है
नारी की महिमा अन्नत है।
नारी ही लिखती है सदा
हर विनाश की पटकथा
नारी वो गूढ़ तत्त्व है
नारी वो उलझा सत्य है
जिसको समझना व्यर्थ है
जितना समझना चाहते
उतना उलझते जा रहे
नारी सृजन, नारी अमन
नारी है उपवन की महक
आती पवन की झोकों सी
खुशियों का दामन थाम कर
खुद दुखी रह कर भी
खुशियां बिखेरती है सदा
नारी सृजन, नारी अमन
नारी है रिश्तों का चमन
चाहे हो नन्ही बेटियां
या हो दादी अम्मा घर की
हर रूप में अपनी जगह
है प्रेम सागर सा भरा
नारी सृजन, नारी अमन
नारी सुनहरी धुप है
नारी वो चंचल छाँव है
जिसके तले जो बैठता
दामन हो खुशियों से भरा
नारी सृजन, नारी अमन
नारी अमर वो प्रेम है
जिसकी कथाएँ हर सदी में
लिखती इबारत है नयी
नारी सृजन, नारी अमन
नारी मिलन में मीत है
नारी विरह का गीत है
नारी नयन में नीर है
नारी हृदय में धड़कनो में
नारी सृजन, नारी अमन
जीवन के हर कण में नारी
जीवन के धड़कन में नारी
जीवन के हर छण में नारी
नारी की सीमा अन्नत है
नारी की महिमा अन्नत है।
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