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सपने

आँखों में सपने थे  ढेरो अरमान थे दिल में  कुछ अलग करने की  हमने भी ठानी थी  सपने बड़े बड़े थे  पर साधन बहुत सीमित थे  मंज़िल आँखों के सामने थी ...

सोमवार, 10 अगस्त 2020

मैं और तुम

मैं हूँ झोंका ठंढी पवन का
तुम बरसात की बुँदे
मैं सावन की हरियाली
तुम नन्ही ओस की बुँदे
मैं जीवन का नया रंग हूँ
तुम रंग बिरंगी तस्वीरें
मैं चंदा की चांदनी
तुम सूरज का तेज
मैं जीवन की राह बनाऊँ
तुम मंजिल बन जाना
तुम पर है सर्वस्व निछावर
तुम हो मेरा गहना
रंग बिरंगी फूलों के संग
हमको मिलकर रहना
जीवन के माला में हर दिन
नए - नए रंग भरना
मैं चँदा तुम सूरज बनकर
है नभ पर छा जाना।

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